यह विटामिन भी ‘ए’ और ‘डी’ की भांति वसा में घुलनशील है। यह अधिक ताप से नष्ट नहीं होता।
विटामिन ‘ई’ की उपयोगिता:
1. यह रक्त कणों के निर्माण में सहायता करता है और उन्हें जल्दी क्षतिग्रस्त होने से रोकता है। 2. यह वायु प्रदूषण के कारण शरीर में प्रविष्ट होने वाले हानिकारक तत्त्वों के प्रभाव को कम करने में सहायता प्रदान करता है।
प्राप्ति के साधन :
इसकी प्राप्ति का प्रमुख स्रोत गेहूं के अंकुर और उनमें से निकले तेल हैं। सोयाबीन, बिनौला और नारियल के तेल में भी कुछ-न-कुछ विटामिन ‘ई’ पाया जाता है। यह अंकुरित अनाजों, घी, ताजा मक्खन, टमाटर, अंगूर, सूखे मेवों, गाजर आदि में भी इसकी कुछ मात्रा पाई जाती है। इसकी दैनिक खुराक 15-20 मिग्रा. होनी चाहिए।
Children will often need a supplements, specially when they are really young. This is because a lot of children do not eat an adequate variety of foods in their early years|
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4 Comments
Mikel Holtmeier · October 5, 2021 at 9:32 PM
There are many medical conditions that may lead to a deficiency of the
e vitamin and could require the person for taking e vitamin supplements.
truehealthknowledge · October 6, 2021 at 4:13 PM
Nice
Jerrold Beser · October 6, 2021 at 2:24 AM
Children will often need a supplements, specially when they are really young. This is because a lot of children do not eat an adequate variety of foods in their early years|
truehealthknowledge · October 6, 2021 at 4:13 PM
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