बुद्धि, स्मरण शक्ति के अलावा ब्राह्मी का प्रयोग कई स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिए किया जाता है। आयुर्वेद में इस औषधि का काफी महत्व है। ब्राह्मी हरे और सफेद रंग की होती है। इसका स्वाद फीका होता है और इसकी तासीर शीतल होती है। यह पौधा भूमि पर फैलकर बड़ा होता है। इसके तने और पत्तियाँ मुलायम, गद्देदार और फूल सफेद होते हैं।

ब्राह्मी के चमत्कारी फायदे, जानिए कैसे काम आती है यह आयुर्वेदिक जड़ी बूटी
  1. नियमित रूप से ब्रह्मी का सेवन करने से पुरानी से पुरानी कब्ज़ की परेशानी दूर हो जाती है है।
  2. ब्राह्मी में कई रक्तशोधक गुण भी होते हैं, जो पेट से सम्बंधित समस्याओं से बचाव करते हैं।
  3. जो व्यक्ति अनिंद्रा की समस्या से ग्रस्त हैं, उन्हें ब्राह्मी जरूर लेनी चाहिए। रोज़ाना सोने से एक घंटा पहले एक गिलास दूध में एक चम्मच ब्राह्मी चूर्ण मिलाकर पीने से व्यक्ति तनावमुक्त होता है और नींद अच्छी आती है।
  4. ब्राह्मी में मौजूद औषधीय गुण रक्तचाप को संतुलित रखते हैं। यदि कोई व्यक्ति उच्च रक्तचाप की वजह से परेशान है, तो उसे ब्राह्मी की ताज़ी पत्तियों का रस शहद में मिलाकर पीना चाहिए। ऐसा करने से रक्तचाप नियंत्रण में रहता है ।
  5. ब्राह्मी में ब्रहमीन एल्केलाइड (Brahmin Alkaloid) गुण मौजूद होता है, जो हृदय के लिए फायदेमंद होता है। यदि ब्राह्मी का नियमित रूप से सेवन किया जाए तो सारी उम्र हृदय यानि दिल से जुड़ी बीमारियों से काफी हद तक बचा जा सकता है।
  6. मिर्गी की बीमारी होने पर रोगी को ब्राह्मी की जड़ का रस या ब्राह्मी-चूर्ण का सेवन दिन में 3 बार दूध के साथ करवाएँ। ऐसा करने से रोगी को लाभ मिलेगा और मिर्गी के दौरे में भी राहत मिलेगी।
  7. ब्राह्मी का उपयोग बौद्धिक विकास बढ़ाने के लिए प्राचीनकाल से किया जा रहा है। ब्राह्मी में कई एंटी- ऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं, इसलिए ब्राह्मी रस या इसके 7 पत्तों का रोजाना सेवन करना चाहिए।
  8. एकाग्रता की कमी के कारण अक्सर बच्चों का ध्यान पढ़ाई से दूर भागता है, ऐसे में दूध के साथ ब्राह्मी-चूर्ण का रोज़ाना सेवन करने से बच्चों में एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ती है, जिसके फलस्वरूप बच्चों का मन पढ़ाई में लगने लगता है।
  9. ब्राह्मी का सबसे ज्यादा प्रभाव मुख्य रूप से मस्तिष्क पर होता है। यह मस्तिष्क के लिए एक चमत्कारी औषधि है। यह मस्तिष्क को शीतलता प्रदान करती है। लगातार काम करने से थकावट हो जाने पर कार्यक्षमता अक्सर कम हो जाती है। इससे बचने के लिए ब्राह्मी रस या ब्रह्मी-चूर्ण का सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से मानसिक तनाव, थकावट और सुस्ती कम होती है और कार्यक्षमता बढ़ती है।

0 Comments

Leave a Reply

Avatar placeholder

Your email address will not be published.